Jack D Schwager ने अपनी किताब Market Wizard मे विलियम ओ नील का इंटरव्यू लिया है और उनके इंटरव्यू का शीर्षक “William ONeil – The Art of Stock Selection” दिया है ।
आइए इस आर्टिकल मे हम उसी इंटरव्यू से महत्वपूर्ण बातों को सीखते हैं ।
William ONeil विलियम ओ नील अमेरिका के बहुत ही सक्सेसफुल इन्वेस्टर रहे हैं, उन्होंने सन 1988 मे विलियम ओ नील ने “हाऊ तो मेक मनी इन स्टॉक्स” नाम की किताब लिखी जो की आज भी काफी पसंद कीये जाने वाली किताब है ।
William ONeil विलियम ओ नील बहुत ही ज्यादा बड़े असावादी और प्रसंसक हैं अमेरिका के इकनॉमिक सिस्टम के ।
उनका कहना है अमेरिका मे हर साल बहुत बड़े मौके आते रहते हैं , अगर आप त्यार हैं तो बहुत ही छोटे कंपनी को बहुत बड़ा बनते देखेंगे ,हर चीज संभव है लग्न और कठिन परिश्रम के साथ, बड़े मुकाम हासिल कीये जा सकते हैं बस अगर हममे जीतने की प्रबल इच्छा है तभी ।
विलियम ओ नील का जन्म March 25, 1933 को हुआ था ।
William ONeil के फाइनैन्शल करिअर की शुरुवात
विलियम ओ नील William ONeil ने करिअर की शुरुवात 1958 मे हेडेन,स्टोन एण्ड कंपनी मे स्टॉक ब्रोकर के रूप मे किया था, यहाँ पर ही उनके इनवेस्टमेंट स्ट्रैटिजी की शुरुवात हुई थी , इनके इनवेस्टमेंट स्ट्रैटिजी काफी कारगर साबित हुए और सन 1962-1963 मे अपने प्रॉफिट्स को पिरमिड करते हुए 5000 डॉलर के शुरुवाती फंड को 200,000 डॉलर मे बदल दिया ।
सन 1964 मे विलियम ने अपने फंड का इस्तेमाल करते हुए न्यू यॉर्क एक्सचेंज मे सीट खरीद कर विलियम ओ नील कंपनी एक रिसर्च ब्रोकरेज फंड की शुरुवात की ।
कैसे विलियम ओ नील ने अपना ट्रैडिंग idea डिवेलप किया ।
विलियम ओ नील William ONeil बताते हैं की वो भी सभी की तरह बेसिक चीजों को फॉलो किया करते थे और जैसे की कम (PE) वाले स्टॉक्स को खरीदना है ये सब, लेकिन इन सब से उनको कुछ अच्छे रिजल्ट नहीं मिले ।
1959 की बात है वो ऐसे लोगों के बारे जान रहे थे जो लोग काफी अच्छा कर रहे थे मार्केट मे उस वक्त Dreyfus Fund फंड एक छोटा फंड था जो सिर्फ 15 मिलिऑन डॉलर मैनेज कर रहे थे और उनके रिटर्न्स कॉमपेटीटर से दोगुने थे ।
मैंने उनके रेपोर्ट्स को स्टडी किया और पाया की जीतने भी स्टॉक्स थे लगभग 100 से ज्यादा सभी मे एक चीज समान थी की सभी स्टॉक्स को तब खरीदा गया है जब उसने नए High हाई लगाए हैं ।
तो सबसे महत्वपूर्ण चीज मैंने यह सीखी अच्छे रिटर्न्स के लिए हमे स्टॉक्स को उसके LOW लो पे नहीं खरीदना है बल्कि जब वो किसी बड़े रेंज से बाहर आकार नए हाई बनाने वाला है तब खरीदना है,
शुरुवात से किसी के मूव को पकड़ने के लिए लो मे खरीद कर अपने 9-12 महीने क्यू बरबाद करना जब वो वहाँ से कहीं नहीं जा रहा हो ।
william o’neil trading rules
William ONeil विलियम ओ नील के Stock picking Model को समझते हैं
इनके मोडेल का नाम है CANSLIM और हर एक अक्षर एक अच्छे स्टॉक की विशेषता को इंगित करता है ।
C का मतलब है “Current earning per share”
जीतने भी अच्छे परफ़ॉर्म करने वाले स्टॉक्स हैं उसने पिछले वर्ष के same quarter की तुलना मे इस वर्ष 70% की बढ़ोतरी की होगी । हमने रिसर्च मे पाया है की जो भी स्टॉक बहुत तेजी से भाग उसके quarterly earning पर शेयर काफी अच्छे थे ।
A का मतलब है “Annual earning per share”
जीतने भी अच्छे परफ़ॉर्म करने वाले स्टॉक्स हैं उनका पिछला 5 वर्षों का CAGR 24% से ज्यादा हो, और हर वर्ष का अर्निंग पिछले वर्ष की तुलना मे बढ़ना चाहिए ।
N का मतलब है “New”
- नया प्रोडक्ट हो सकता है,
- या फिर सर्विस,
- कुछ इंडस्ट्री मे बदलाव,
- कुछ मैनिज्मन्ट मे बदलाव,
- नया हाई भी हो सकता है ,
95% स्टॉक्स जो बहुत बड़े विनर साबित हुए उन्मे कुछ न कुछ तो नया था
इन्होंने एक बात गौर किया है की 98% इंवेसटोरस किसी स्टॉक को हाई पे खरीदने से इनकार करते हैं, लेकिन ये बहुत बड़ा विरोधाभास है मार्केट का की “ जो बहुत ऊपर लगता है वो और ऊपर जाता है, और जो low लगता है उससे और नीचे जाता है “
S का मतलब है “shares”
95 % स्टॉक्स जो भी अच्छा परफ़ॉर्म कीये उस कंपनी के शेयर की संख्या 25 मिलियन शेयर से कम थी । अच्छा रिटर्न देने वाले कॉम्पनी के एवरेज शेयर की संख्या 11 मिलियन शेयर थी । जितना कम शेयर की संख्या हो उतना बेहतर है ।
बहुत सारे इन्वेस्टर सिर्फ large cap कंपनी को ही पसंद करते हैं ऐसा करके वो खुद बहुत सारे growth companies को छाँट दे रहे हैं ।
L का मतलब है “leader” या फिर “Laggard”
500 जो सबसे अच्छे प्रदर्शन करने वाले स्टॉक्स थे उनका relative strength 87 से ज्यादा था ।
Relative strength को आप लोग RSI न समझें, Relative strength किसी स्टॉक के परफॉरमेंस को पिछले 12 महीनों मे बाकी स्टॉक्स से तुलना करता है और एक नंबर देता है, तो Relative strength का अर्थ होगा उस स्टॉक ने 80% स्टॉक्स से अच्छा प्रदर्शन किया है ।
तो एक बेसिक रूल जो William ONeil विलियम ओ नील फॉलो करते हैं वो यह है की स्टॉक्स काRelative strength 80 से ज्यादा होना चाहिए इस प्रकार से leading स्टॉक्स का चयन होगा और laggard पिछड़े हुए स्टॉक्स को छोर दिया जाएगा ।
I का मतलब “Institutional sponshership”
इन्स्टिच्यूशनल खरीददार सबसे बड़े कारण है होते हैं किसी स्टॉक का demand बढ़ाने के ।
अच्छे स्टॉक्स को इन्स्टिच्यूशनल खरीददार का साथ तो मिलता है, पर बहुत ज्यादा इन्स्टिच्यूशनल इन्वेस्टर का होना सही नहीं है क्योंकि वो एक बड़े गिरावट का कारण बन सकते हैं इस वजह से सबसे ज्यादा जिसमे इन्स्टिच्यूशनल इन्वेस्ट का निवेश होता है वो स्टॉक्स बहुत ज्यादा अच्छा नहीं करते हैं और जब तक इन्स्टिच्यूशन किसी स्टॉक मे इन्वेस्ट करें तक तब काफी देर हो चुकी होती है । इसलिए इन्स्टिच्यूशनल इन्वेस्ट ज्यादा हो तो उसे छोर देना चाहिए ।
M का मतलब “Market”
4 मे से 3 स्टॉक्स उसी साइड मे भागेंगे जिस तरफ पूरी मार्केट जाएगी इसलिए मार्केट का direction महत्वपूर्ण है ।
किसी भी वक्त स्टॉक्स ढूंढते समय 2% से भी कम स्टॉक्सCANSLIM फॉर्मूले मे फिट बैठते हैं, और ये फार्मूला जान बूज कर ऐसा बनाया गया है क्योंकि हम बेस्ट को ही ढूँढना चाहते हैं ।
क्या इतने सारे फिलटर्स के बाद जो स्टॉक्स आएंगे वो 100 % प्रॉफ़िट देंगे ?
तो एक बात सभी को समझने छिए की मार्केट मे कितना भी कुछ कर लें 100% रिजल्ट तो नहीं आ सकता है , William O’Neil कहते हैं उनके द्वारा चुने गए 2/3 स्टॉक्स प्रॉफ़िट देते हैं पर, 10 मे से 1-2 स्टॉक्स ही ऐसे होते हैं जो बहुत ज्यादा अच्छा चमत्कारी रिटर्न देते हों ।
CANSLIM तो स्टॉक सिलेक्शन का तरीका हो गया, रिस्क कंट्रोल करने के लिए क्या करते हैं ?
William ONeil का सिद्धांत है की हर स्टॉक बुरा है । कोई भी शेयर अच्छा तभी है जब उसके दाम बढ़े । और अगर उसके दाम नहीं बढ़े बल्कि घट गए, तो नुकसान को काट लेना है । मार्केट मे विजय करने का एक ही रहस्य है की हर बार सही नहीं होना है, बल्कि आधे बार भी सही होकर जीता जा सकता है, बस गंवाना कम है जब भी गलत साबित हो गए तो । William ONeil खुद कहते हैं की 7% से जादा लॉस वो किसी स्टॉक मे होने नहीं देते।
अगर इस प्रकार का रूले नहीं होता तो 1973-74 के बीयर मार्केट मे वो 7-8% के बजाय 70-80% हार गए होते ।
How to make Money in Stocks by William ONeil published by McGraw-Hill in 1988
चलिए अब हमे William ONeil के CANSLIM मॉडल को समझ गए हैं चलिए उनके किताब से जानते हैं 18 आम गलतियाँ जो हर एक लूसर इन्वेस्टर करता है ।
18 common mistakes of traders
- अधिकतर इन्वेस्टर ज्यादा सक्सेस इसलिए नहीं हासिल कर पाते हैं क्योंकि उनके पास अछे स्टॉक को सिलेक्ट करने का कोई तरीका नहीं है, उन्हे पता ही नहीं है की अच्छे स्टॉक्स छांटने के लिए कोई फ़िल्टर ही नहीं है ।
- खुद की लूटिया डुबाने का सबसे आसान तरीका यह है की गिरते हुए स्टॉक को खरीद लेना, लोग ये गलती कर लेते हैं यह सोच कर की हमे तो ये सस्ता मे मिल रहा है ।
- और भी घटिया आदत है अपने लूसर स्टॉक को अवरेज करना, अगर आप एक स्टॉक को 40 मे खरीदे हैं और नीचे जाने के बाद 30 मे फिर खरीद रहे हैं तो आप हारते हुए स्टॉक मे अच्छा पैसा लगा रहे हैं, ये आदत आपको बहुत ही बड़ा लॉस दे सकती है ।
- आम लोग सस्ते स्टॉक खरीदना पसंद करते हैं उनको लगता है अगर सस्ते शेयर खरीद लेंगे तो ज्यादा शेयर मिल जाएंगे और इससे उनको अच्छा महसूस होगा ।ऐसा करने के बजाय किसी अच्छे कंपनी के शेयर महंगे दाम मे खरीदना ज्यादा समझदारी है । कभी भी आप कितने पैसे लगा रहे हैं उस स्टॉक मे उस हिसाब से देखना न की कितने शेयर आपको मिल रहे हैं ।
- नए नए लोग मार्केट मे खूब पैसे बहुत तेज बहुत जल्द बनाना चाहते है और इसके लिए वो जरूरी नालिज और skill है उसपे ध्यान नहीं देते हैं । बिना कुछ मेहनत और टाइम लगाए वो बहुत सारा पैसे कैसे भी कमाना है उसमे ही ध्यान देते हैं ।
- जो बहुत सारे लोग हैं वो टिप्स, दूसरों की अड्वाइस और recommendation पे स्टॉक्स खरीद लेते हैं और इसका खामियाजा उन्हे चुकाना पड़ता है ।
- इंवेसटोरस ऐसे स्टॉक्स को खरीद लेते हैं जो डिविडेन्ड देती हो, लेकिन विलियम का कहना है कि जो स्टॉक्स डिविडेन्ड देती है उसका प्रदर्शन बहुत अच्छानहीं हो सकता है
- लोग सिर्फ ऐसे स्टॉक्स को खरीद लेते हैं जिनके नाम उन्होंने सुने हैं, अगर कोई जनरल मोटर मे काम करता था इसलिए वो सटकॉक्स अच्छा रिटर्न देगी ये जरूरी नहीं है , बहुत सारे अच्छे इनवेस्टमेंट ऐसे भी हो सकते हैं जिनके नाम हमने अच्छे से सुने ही नह हों ।
- बहुत सारे इन्वेस्टर्स को अच्छी अड्वाइस और इनफार्मेशन नहीं मिल पाती है, हो सकता है वो जो लॉस कर रहे हैं उनका कारण ही उनके फ्रेंड की अड्वाइस हो ।
- लगभग 98% इन्वेस्टर्स किसी स्टॉक्सक को उसके हाई मे खरीदने से डरते हैं, उनको वो हाई बहुत जयद महंगा लगता है, लेकिन मार्केट मे पर्सनल राय बहुत ही काम बार सही होते हैं ।
- बहुत सारे unskilled और unprofessional इन्वेस्टर्स अपनी जिद मे जब लॉस छोटा होता है तब बाहर नहीं आते और लॉस बड़े होने पर उम्मीद मे बैठे रहते हैं की जब लॉस काम होगा तब बेच देंगे ।
- उसी प्रकार से छोटे प्रॉफ़िट लेके बैठ जाते हैं और बड़े पलॉस मे ट्रैड मे बने रहते हैं जबकि इसका बिल्कुल उलट करना चाहिए ।
- नए इन्वेस्टर टैक्स , कमिसन इन सब के बारे मे ज्यादा सोचते हैं जबकि उनका पहला काम प्रॉफ़िट कमाना होना चाहिए । शेयर को खरीदने बेचने पे लगने वाला कमिसन तो काम करने का चार्ज हैं इससे फरक नहीं पादन चाहिए ।
- बहुत सारे लोग ऑप्शन मे बहुत ज्यादा ट्रैड करते हैं ये सोचकर की ये जल्दी अमीर बनने का तरीका है लेकिन उनको ये समझना चाहिए इसमे बहुत ज्यादा रिस्क भी है, और अगर जल्दी पैसे बनते हैं तो जल्दी पैसे गायब भी हो सकते हैं ।
- नए इन्वेस्टर्स इनवेस्टमेंट करते है और शेयर खरीदने के लिए लिमिट प्राइस का इस्तेमाल करते हैं और पॉइंट के लिए परेशान होते हैं और कई बार ट्रैड छोर देते हैं लेकिन वो भूल जाते हैं की बहुत बड़े रिटर्न्स के लिए बैठे हैं ।
- की सारे इन्वेस्टर्स तो इसी बात को लेकर पार्शन हैं की खरीदना है या बेचना है, ये सवाल उनके पास नहीं होता अगर एक रूल होता की कब क्या करना है । लिखे हुए बने बनाए रूले होने से अंतिम क्षण पे सोचने की जरूरत नहीं पड़ती की अब क्या करना है ।
- बहुत सारे इन्वेस्टर हमेशा ये उम्मीद करते हैं की ये तो फावरेट स्टॉक है ये मुझे प्रॉफ़िट देगा ही यह सोचकर उम्मीद मे बैठे रहते हैं लेकिन हमेशा मार्केट मे जो परिस्थिति है उसके हिसाब से काम होना चाहिए ।
- इन्वेस्टर्स छोटे छोटे फालतू बातों लेकर परेशान रहते हैं जैसे की डिविडेन्ड , स्टॉक स्प्लीट न्यूज ।
William ONeil का यही कहना है की ट्रैडिंग मे सक्सेस के लिए 3 बेसिक चीजों की जरूरत है
- एक अच्छा स्टॉक सिलेक्शन प्रोसेस
- रिस्क को कंट्रोल करने की कला
- और अनुषाशन
अगर कोई इस बात का ध्यान रख पाता है तो वो भी सफलता हासिल का सकता है ।
यहाँ तक पढ़ने के लिए धन्यवाद !
FAQ frequently asked questions
Yes he is alive, हाँ
William uses CANSLIM method for stock selection.
CANSLIM
C – Current earning per share
A – Annual earning per share
N – Something New
S – Number of Shares
L – Leader
I – Institutional
M – Market direction
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